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अपने भाग्य को खुद बदलें: 12 सदस्यीय परिवार को खिलाने के लिए गोरखपुर से निर्मला के लिए मुश्किल था, एक पोल्ट्री फार्म शुरू किया, महिलाओं को अपने स्वयं सहायता समूह से आत्मनिर्भर बनाया।


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  • गोरखपुर के पचौरी गाँव से निर्मला के लिए 12 सदस्यीय परिवार का भरण पोषण करना, मुर्गी फार्म शुरू करना और अपने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए आत्मनिर्भर बनाना मुश्किल था।

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4 दिन पहले

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निर्मला के जीवन का एक समय गोरखपुर के गाँव, पचोरी में था, जब घर का खर्च चलाना मुश्किल था। साथ ही आप अपनी मेहनत और समर्पण से सफल हो रहे हैं। निर्मला ने दो साल पहले परिवार के 12 सदस्यों को खिलाने के लिए कड़ा संघर्ष किया। उसके परिवार के सभी पुरुष काम की तलाश में शहर गए थे। जब उसने घर पर वित्तीय संकट देखा, तो उसने खुद काम की तलाश की। उन दिनों, निर्मला को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के बारे में पता चला। वह बिना समय बर्बाद किए अपने कार्यालय चला गया। वहां से मिली जानकारी के आधार पर निर्मला ने लकी सेल्फ हेल्प ग्रुप शुरू किया। अपने समूह में, उन्होंने गाँव की 14 महिलाओं को शामिल किया।

तीन साल पहले, निर्मला ने 50,000 रुपये के ऋण के साथ अपने पोल्ट्री फार्म की शुरुआत की। यहां कड़ी मेहनत करने के बाद, उनका व्यवसाय डेढ़ साल बाद उभरा। निर्मला ही नहीं, बल्कि समूह की सभी महिलाएं इस मुर्गी फार्म से अच्छी कमाई कर रही हैं। इन महिलाओं का पूरा परिवार फिलहाल इस काम में शामिल है, जिसके लिए उन्हें 3 से 4 लाख का फायदा है। निर्मला अपनी सफलता से बहुत खुश है।

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