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Cabinet Secretary Chairs Coronavirus Review Meeting: 11 States Of Grave Concern, Told To Take Strict Action Ann – Good Health

Written by H@imanshu


नई दिल्ली: देश में कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों ने केंद्र और राज्य सरकारों की चिंता बढ़ा दी है. केंद्र ने सभी राज्यों से संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए जांच बढ़ाने, संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आए लोगों की पहचान करने और लोगों से कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करवाने का निर्देश दिया है.

11 राज्यों की हालत चिंताजनक

इस मामले पर आज कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की. बैठक में विशेष रूप से उन 11 राज्यों के हालात पर चर्चा की गई, जहां स्थिति चिंताजनक बताई गई है. इन राज्यों में महाराष्ट्र, पंजाब, दिल्ली, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, केरल, गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा, तमिलनाडु और चंडीगढ़ शामिल हैं. बैठक में महाराष्ट्र की हालत पर विशेष रूप से चिंता जताई गई. 31 मार्च तक के आंकड़ों के मुताबिक़ पिछले 14 दिनों में इन्हीं 11 राज्यों में कोरोना के 90 फ़ीसदी मामले आए हैं. वहीं, कुल 90.5 फ़ीसदी मौतें भी इन्हीं राज्यों में हुई हैं.

सभी राज्यों से संक्रमण रोकने के लिए 8 सूत्री कदम उठाने को कहा गया है:-

– ऐसे लोग जिनमें कोरोना के लक्षण हैं लेकिन निगेटिव आते हैं, उनका RTPCR टेस्ट अनिवार्य किया जाए.

– संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आए 25-30 लोगों के बारे में 72 घण्टों के भीतर पता लगाया जाए और उनका टेस्ट करवाया जाए.

– संक्रमण दर 5 फ़ीसदी या उससे कम लाने के लिए टेस्ट में बढोतरी की जाए.

– जितने टेस्ट किए जाएं, उनमें कम से कम 70 फ़ीसदी RTPCR टेस्ट किया जाए.

– संक्रमित व्यक्ति को तुरंत आइसोलेशन में डाला जाए. अगर घर में हैं, तो उसकी रोज़ाना निगरानी हो.

– ज़रूरत पड़ने पर मरीज़ को तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाया जाए.

– कंटेन्मेंट ज़ोन और माइक्रो कंटेन्मेंट ज़ोन बनाए जाएं ताकि संक्रमण का चेन टूट सके.

इसके अलावा मौतों को रोकने के लिए भी कई क़दम उठाने के सुझाव दिए गए हैं. इनमें ज़रूरत के मुताबिक़ आइसोलेशन बेड, वेंटिलेटर बेड, ऑक्सीजन बेड और आईसीयू बेड बढ़ाने के अलावा ऑक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित करने और अस्पतालों में ज़्यादा से ज़्यादा कर्मियों की ड्यूटी लगाने जैसे क़दम शामिल हैं. इसके अलावा हर ज़िले के आईसीयू डॉक्टरों और दिल्ली एम्स या राज्य की कोर टीम के डॉक्टरों के बीच सप्ताह में दो दिन, मंगलवार और शुक्रवार, टेली कंसल्टेशन करवाए जाने की भी सलाह दी गई है.

इन उपायों के अलावा लोगों के बीच कोरोना से जुड़े प्रोटोकॉल का पालन करना सुनिश्चित करवाने के लिए भी उचित कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं. इसके लिए सभी क़ानूनी कदम उठाने को भी कहा गया है, ताकि प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने वालों के ख़िलाफ़ पेनल्टी लगाई जा सके. इनमें मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग सबसे अहम है. साथ ही मेला, सामाजिक और धार्मिक समारोहों और सभाओं पर विशेष नज़र रखने की हिदायत दी गई है, क्योंकि ऐसी जगहें सुपर स्प्रेडर का काम कर सकती हैं.

कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान में तेज़ी लाने का निर्देश दिया गया है. राज्यों से कहा गया है कि अभी तक जो लोग टीका लगवाने की श्रेणी में आते हैं उन्हें टीका देने के काम में तेज़ी लाई जाए.

बैठक में इस बात पर भी चिंता जताई गई कि इस बार कोरोना का संक्रमण ऐसे छोटे शहरों में भी हो रहा है जो पिछले साल इससे अछूते रहे थे. बैठक में इस बात को रेखांकित किया गया कि अगर छोटे शहरों से संक्रमण गांवों तक पहुंच गया तो स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा सकती है. सरकार की चिंता इस बात से समझी जा सकती है कि मार्च में कोरोना मामलों में 6.8 फ़ीसदी की दर से बढोत्तरी हुई जो एक महीने में रिकॉर्ड है. इसके पहले कोरोना मामलों में सबसे ज़्यादा उछाल पिछले साल जून में 5.5 फ़ीसदी की दर से आया था. इस साल मार्च में मौतें भी 5.5 फ़ीसदी की दर से दर्ज हुई हैं. आज देशभर में कोरोना के क़रीब 82000 मामले सामने आए जो इस साल का रिकॉर्ड है.

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