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Second Wave Derails MNCs Return-to-Office Plans, Companies To Further Extend Work From Home Arrangements – Good Health


Second Wave Derails MNCs Return-to-Office Plans, Companies To Further Extend Work From Home Arrangements

कोरोना की दूसरी लहर पहले से ज्यादा तेज होने लगी है. महाराष्ट्र में पहली लहर में जितने केस नहीं आते थे, उससे कहीं ज्यादा दूसरी लहर में आ रहे हैं. कई जिलों में आंशिक लॉकडाउन भी लगा दिए गए हैं. ऐसे में मल्टीनेशनल कंपनियों को एक बार फिर चिंता हो गई कि ऑफिस से काम करने की योजना फिर से खटाई में न पड़ जाए. पिछले साल जब लॉकडाउन लगा था तो सभी मल्टीनेशनल कंपनियों ने वर्क फ्रोम होम की इजाजत दे दी थी. पिछले एक साल से मल्टीनेशनल कंपनियों के स्टाफ वर्क फ्रोम होम से ही काम कर रहे हैं. कोरोना केस थमने के बाद ऐसा लग रहा था कि अब ऑफिस खुलने शुरू होंगे तभी दूसरी लहर आ गई. पिछले एक महीने से दूसरी लहर की रफ्तार बढ़ने लगी है. ऐसे में कई मल्टीनेशनल कंपनियों ने वर्क फ्रोम होम की मियाद को बढ़ाकर सितंबर तक कर दिया है. जिसने ऐसा नहीं किया है, वह भी इसपर गंभीरता से विचार कर रही हैं.

स्टाफ के हेल्थ का जोखिम नहीं ले सकती कंपनियां

एमएनसी टेक कंपनियों को ऑफिस उपलब्ध कराने वाला एक लीडिंग डेवलपरर्स ने बताया कि स्टाफ में कोरोना संक्रमण को देखते हुए कोई भी ग्लोबल कंपनियां जोखिम उठाना नहीं चाहती. उन्होंने कहा कि कुछ आईटी कंपनियां जून या जुलाई में ऑफिस को नए तरीके से व्यवस्थित करने की योजना बनाई थी लेकिन सेकेंड वेव ने इस तैयारी पर पानी फेर दिया. बेंगलुरु में एक मल्टीनेशनल टेक कंपनियों के एक रियल स्टेट हेड ने बताया कि हम अभी भी पेंडेमिक एक्ट के अधीन है. इस स्थिति में कोई भी कंपनी अपने स्टाफ के हेल्थ को लेकर जोखिम में डालकर ऑफिस खोलने की जहमत नहीं करेगी.

10 प्रतिशत स्टाफ के साथ खुले थे कुछ ऑफिस

एसएपी और आईबीएम जैसी कंपनियां कोविड-19 को देखते हुए स्थिति का आकलन कर रही है. एसएपी ने हाल ही में फरवरी से अपने ऑफिस में सिर्फ 10 प्रतिशत स्टाफ के साथ काम करना शुरू किया था और स्थिति बेहतर होने में स्टाफ की संख्या बढ़ाने की योजना बनाई थी लेकिन वर्तमान स्थिति में ऐसा संभव नहीं है. कंपनी का कहना है कि देश की स्थिति और वैक्सीनेशन की धीमी चाल को देखते हुए हम सिर्फ 10 प्रतिशत लोगों के साथ ऑफिस का कामकाज चालू रखेंगे. यह स्थिति तब तक जारी रहेगी जब तक कोरोना की बेहतर स्थिति और कानून हमें इजाजत न दे दें. एसएपी और आईबीएम कंपनी सरकार की नई गाइडलाइन का इंतजार कर रही है. आईटी कंपनियों का कहना है कि कोरोना ब्रेक के बाद अपने स्टाफ को घर से लाना और उन्हें वापस भेजना जोखिम का काम है. इसलिए हमने वर्क फ्रोम को एक्सटेंड कर दिया है.

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