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Coronavirus Vaccination In India, 4.5 Cr Doses Administered In India ANN – Good Health


नई दिल्ली: भारत मे टीकाकरण काफी तेजी से चल रहा है. भारत मे अब तक 4.5 करोड़ से ज्यादा कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है. केद्रीय स्वास्थ्य मत्रालय द्वारा जारी आकड़ों के मुताबिक 4,50,65,998 से ज्यादा वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी है. भारत मे अब तक 77,86,205 हैल्थकेयर और 80,95,711 फ्रटलाइन वर्करो को कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक दी जा चुकी है. वही 48,81,954 हेल्थकेयर और 26,09,742 फ्रटलाइन वर्करो को दूसरी खुराक दी जा चुकी है. इसके अलावा 37,21,455 लाभार्थी है जिनकी उम्र 45 साल से ज्यादा है और 60 साल से ज्यादा के 1,79,70,931 लाभार्थियो को भी पहली खुराक मिली चुकी है.

देशव्यापी टीकाकरण अभियान 16 जनवरी को शुरू किया गया था और फ्रटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण 2 फरवरी से शुरू हुआ था. कोरोना टीकाकरण के अगले चरण की शुरुआत 1 मार्च से शुरू हुआ था जिसमे 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगो के साथ 45 साल से ज्यादा उम्र के लोग जिन्हे गभीर बीमारी है उनका टीकाकरण शुरू हुआ था.

टीकाकरण की रफ्तार पर कांग्रेस ने उठाए सवाल

टीकाकरण की रफ्तार को लेकर काग्रेस पार्टी लगातार सवाल उठा रही है. काग्रेस पार्टी के मुताबिक जिस रफ्तार से टीकाकरण चल रहा है उस हिसाब से टीकाकरण में सालों लग जाएंगे. भारत में पहले चरण में 30 करोड़ लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा था जिसमें एक करोड़ हेल्थकेयर वर्कर, दो करोड़ फ्रटलाइन वर्कर और 27 करोड़ 60 से ज्यादा या उसे कम उम्र के वो लोग जिन्हें गभीर बीमारी है. इन लोगों को जुलाई तक टीकाकरण की बातें कही गई. लेकिन इन तीनों केटेगरी के लिए अलग अलग समय वैक्सीनेशन शुरू किया गया.

साढ़े चार करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज दी जा चुकी है, दूसरी डोज़ भी शामिल

इस टीकाकरण अभियान के 65 दिनों मे साढ़े चार करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज दी जा चुकी है जिसमे दूसरी डोज भी शामिल है. 16 तरीख को शुरू हुए टीकाकरण कार्यक्रम मे पहले स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगने से शुरुआत हुई और 21 मार्च तक 77,86,205 हैल्थकेयर वर्करों को पहली और 48,81,954 हैल्थकेयर वर्करों को दूसरी डोज दी जा चुकी है. वहीं फ्रटलाइन वर्करों के लिए 2 फरवरी से टीकाकरण शुरू हुआ था और पिछले 50 दिनों में 80,95,711 फ्रटलाइन वर्करों को कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक दी जा चुकी है. वहीं 26,09,742 फ्रटलाइन वर्करों को दूसरी खुराक दी जा चुकी है.

इसके अलावा 1 मार्च से 60 से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए और 45 साल से ज्यादा उम्र के वो लोग जिन्हें गभीर बीमारी उनके लिए वैक्सीनेशन शुरू हुआ. पिछले 21 दिनों में 37,21,455 लाभार्थी है जिनकी उम्र 45 साल से ज्यादा है और 60 साल से ज्यादा के 1,79,70,931 लाभार्थियो को भी पहली खुराक मिली चुकी है. वहीं पिछले कुछ दिनों से लगातार हर दिन औसतन 20 लाख दे ज्यादा लोगों को कोरोना का टीका लग रहा है. हालाकि देश में हर राज्य मे हर टीकाकरण नहींं हो रहा है लेकिन औसतन 5 दिन हो रहा है.

दूसरे देशों के मुकाबले भारत बेहतर स्थिति में

दुनिया के बाकी देशों में जहा कोरोना का टीकाकरण हो रहा है उसे तुलना करे तो भी भारत की स्तिथि काफी बेहतर है. भारत दुनिया मे टीकाकरण अभियान मे अमेरिका के बाद है जबकि कोरोना टीकाकरण भारत में अमेरिका के 29 दिनों बाद शुरू किया. केद्रीय स्वास्थ्य मत्रालय की तरफ से जारी आकड़ो के मुताबिक यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका पिछले साल 14 दिसबर को वैक्सीनेशन ड्राइव शुरू हुआ और 18 मार्च तक 118.53 मिलियन डोज दी गई. वहीं यूनाइटेड किगडम मे 8 दिसम्बर से टीकाकरण शुरू हुआ और 18 मार्च तक 27.61 मिलियन डोज दी गई. जबकि भारत में अलग अलग चरणों में टीकाकरण अलग अलग ग्रुप और केटेगरी के लिए शुरू हुआ और 18 मार्च तक भारत मे 39.34 मिलियन डोज दी जा चुकी है.

वहीं भारत में 16 मार्च तक 7 करोड़ 54 लाख वैक्सीन की डोज राज्यों को दी जा चुकी है. इसके अलावा भारत सरकार ने सीरम इस्टिट्यूट ऑफ इडिया और भारत बायोटेक को और वैक्सीन का ऑर्डर दे दिया है. भारत सरकार भारत बायोटेक को COVAXIN की 2 करोड़ डोज और सीरम इस्टीट्यूट ऑफ इडिया को 10 करोड़ डोज़ का ऑर्डर दिया है. दोनो टीकों का मूल्य 250 + GST ​​रखा गया है.

 भारत में टीकाकरण के लिए पर्याप्त वैक्सीन, समझौते के तहत दूसरे देशों को वैक्सीन

वहीं केद्रीय स्वास्थ्य मत्रालय ने बताया कि भारत में टीकाकरण के लिए पर्याप्त वैक्सीन है. जो दूसरे देशो मे वैक्सीन दी जा रही है वो समझौते के तहत है और उसे भारत के टीकाकरण पर कोई असर नहीं पड़ेगा. विदेश मे जो वैक्सीन जाती है वो इटरनेशनल कमिटमेट के नाते जाती है. जिसमे कई देश शामिल है. कोई भी देश अपने इटरनेशनल कमिनेशनल कमिटमेट का उलघन करेगा. इसके अलावा केद्र सरकार ने टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकारो को कई छूट भी दी है. इसमें स्वास्थ्य मत्रालय की तरफ से वैक्सीनेशन को तेज गति और सुचारू तरीके से चलाने के लिए राज्यो कुछ सलाह और निर्देश दिए गए.

आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन योजना, केद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस), और राज्य स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के तहत एम्पेनलेड सभी निजी अस्पतालों की 100% क्षमता का उपयोग करने के लिए उन्हे प्रभावी टीकाकरण केद्र (सीवीसी) के रूप मे प्रभावी रूप से कार्य करने में सक्षम बनाना है. इन निजी अस्पतालों के साथ लगातार सहयोग करना है ताकि वैक्सीनेशन सही तरीके से और ज्यादा से ज्यादा हो सके.

वहीं वो अस्पताल जो एम्पेनलेड नहीं है केद्र या राज्य सरकार या और आयुष्मान भारत योजना में बावजूद इसके वो कोविड वैक्सीन सेटर बनाने की इजाजत दी जा सकती है अगर उनके पास पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन, टीकाकरण के अवलोकन के लिए पर्याप्त स्थान, पर्याप्त कोल्ड चेन की व्यवस्था और AEFI के प्रबधन के लिए पर्याप्त व्यवस्था हो तो CVC के रूप मे सचालित करने की अनुमति दी गई है. राज्य / सघ राज्य क्षेत्र इन निजी अस्पतालों को CVC के रूप मे उपयोग करने के लिए लगातार प्रयास कर सकते हैं.

सरकार की ओर से कोशिश, लोग निभाएं जिम्मेदारी

राज्य सरकार और निजी अस्पताल अपने मुताबिक समय तय कर सकते है यानी समय बढ़ा सकते है. सभी अस्पतालों सरकारी और निजी को टीके का पर्याप्त आवटन सुनिश्चित करे, ताकि वे सीवीसी के रूप मे कार्य करने मे सक्षम हो सके. वहीं हाल में एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए एम्पोवेरेड ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन के चेयरमैन आर एस शर्मा ने बताया था कि कई लोग टीकाकरण के लिए रजिस्टर करा रहे है लेकिन अपॉइटमेट स्लॉट या अस्पताल में समय बुक नहीं करा रहे हैं.

वैक्सीनेशन की शुरुआत में पहले स्वास्थ्यकर्मियों में इसको लेकर हिचकिहट थी लेकिन बाद मे दूर हो गई और टीकाकरण ने रफ्तार पकड़ ली है. वहीं कुछ राज्यों ने वैक्सीनेशन के लिए अस्पतालो में समय बढ़ा दिया है जैसे कि दिल्ली जहां ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन के लिए समय को बढ़ा दिया गया है. यानी सरकार की ओर से पूरी कोशिश की जा रही है कि जो लोग वैक्सीन वाली केटेगरी में हैं वो टीका लगवालें ताकि वायरस ट्रासमिशन की चैन तोड़ी जा सके. लेकिन इसके लिए सिर्फ केद्र और राज्य सरकार अकेले जिम्मेदार नहीं है, लोगो को भी आगे आना होगा.

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