सुभाष चंद्र बोस
– फोटो : Netaji Research Bureau
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नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती 23 जनवरी को है। ऐसे में उज्जैन की आलोट लोकसभा सीट से भाजपा सांसद अनिल फिरोजिया ने उन्हें भारत रत्न देने की मांग की है। इस संबंध में भाजपा सांसद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। गौर करने वाली बात है कि यह मांग ऐसे समय पर की गई, जब केंद्र सरकार ने सुभाष चंद्र बोस की जयंती पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का एलान किया है।
सांसद अनिल फिरोजिया ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि माननीय प्रधानमंत्री जी, सर्व विदित है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने हमारे देश की आजादी के लिए तन-मन-धन से कड़ा संघर्ष किया है। आज हम सभी आजादी की सांस ले रहे हैं तो इसमें सबसे बड़ा योगदान आजाद हिंद फौज के जनक राष्ट्र पुत्र नेताजी सुभाष चंद्र बोस का है। नेताजी द्वारा किए गए त्याग एवं संघर्ष के सम्मान में इन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया जाना उचित होगा।
गौरतलब है कि 23 जनवरी को आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती है। ऐसे में संस्कृति मंत्रालय ने इस दिन को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। इसे लेकर उच्च स्तरीय कमेटी बनाई गई है, जिसकी अगुआई खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। बता दें कि पीएम मोदी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में होने वाले समारोह की शुरुआत 23 जनवरी को कोलकाता के ऐतिहासिक विक्टोरिया मेमोरियल हॉल से करेंगे।
बता दें कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को हुआ था। उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने देश को आजादी दिलाने के लिए आजाद हिंद फौज की स्थापना की थी, लेकिन 18 अगस्त 1945 को ताइपे में एक विमान दुर्घटना में उनकी मौत होने का दावा किया जाता है। हालांकि, इस पर कई बार विवाद हो चुका है, लेकिन केंद्र सरकार ने साल 2017 में एक आरटीआई में पुष्टि की थी कि उस घटना में उनकी मृत्यु हो गई थी।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती 23 जनवरी को है। ऐसे में उज्जैन की आलोट लोकसभा सीट से भाजपा सांसद अनिल फिरोजिया ने उन्हें भारत रत्न देने की मांग की है। इस संबंध में भाजपा सांसद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। गौर करने वाली बात है कि यह मांग ऐसे समय पर की गई, जब केंद्र सरकार ने सुभाष चंद्र बोस की जयंती पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का एलान किया है।
सांसद ने लिखी यह बात
सांसद अनिल फिरोजिया ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि माननीय प्रधानमंत्री जी, सर्व विदित है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने हमारे देश की आजादी के लिए तन-मन-धन से कड़ा संघर्ष किया है। आज हम सभी आजादी की सांस ले रहे हैं तो इसमें सबसे बड़ा योगदान आजाद हिंद फौज के जनक राष्ट्र पुत्र नेताजी सुभाष चंद्र बोस का है। नेताजी द्वारा किए गए त्याग एवं संघर्ष के सम्मान में इन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया जाना उचित होगा।
23 जनवरी को पराक्रम दिवस मना रही सरकार
गौरतलब है कि 23 जनवरी को आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती है। ऐसे में संस्कृति मंत्रालय ने इस दिन को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। इसे लेकर उच्च स्तरीय कमेटी बनाई गई है, जिसकी अगुआई खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। बता दें कि पीएम मोदी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में होने वाले समारोह की शुरुआत 23 जनवरी को कोलकाता के ऐतिहासिक विक्टोरिया मेमोरियल हॉल से करेंगे।
ऐसे थे सुभाष चंद्र बोस
बता दें कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को हुआ था। उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने देश को आजादी दिलाने के लिए आजाद हिंद फौज की स्थापना की थी, लेकिन 18 अगस्त 1945 को ताइपे में एक विमान दुर्घटना में उनकी मौत होने का दावा किया जाता है। हालांकि, इस पर कई बार विवाद हो चुका है, लेकिन केंद्र सरकार ने साल 2017 में एक आरटीआई में पुष्टि की थी कि उस घटना में उनकी मृत्यु हो गई थी।