सफलता क्या है और इसे कैसे साधें

सफलता सिर्फ एक बड़ा मुकाम नहीं है; यह रोज़ की छोटी आदतों का परिणाम है। क्या आपने कभी सोचा है कि रोज़ थोड़ा बेहतर होना कितना बड़ा फर्क ला सकता है? यहाँ मैं सरल, सीधी और असरदार बातें बता रहा हूँ जिन्हें आप आज ही लागू कर सकते हैं।

सबसे पहले, लक्ष्य स्पष्ट रखें। ‘‘मुझे सफल होना है’’ एक खाली वाक्य है। बेहतर होगा: ‘‘6 महीने में एक नई स्किल सीखकर फ्रीलांस कमाई 20% बढ़ाना।’’ यह नापने योग्य और समय-सीमा वाला लक्ष्य है। ऐसे लक्ष्य बनाने से हर दिन का काम आसान हो जाता है।

दूसरा, छोटे कदम अपनाएँ। बड़ी योजना scary लगती है इसलिए उसे छोटे हिस्सों में बाँटें—दिन का एक घंटा सीखना, हफ्ते में दो बार नेटवर्किंग, हर रविवार को प्रगति की समीक्षा। छोटे लक्ष्य पूरे होते हैं और आत्मविश्वास बढ़ाते हैं।

रोज़ की आदतें जो फर्क डालती हैं

सफल लोग दिनचर्या के बारे में आमतौर पर सीरियस होते हैं। सुबह की शुरुआत ईमेल से नहीं बल्कि सबसे जरूरी काम से करें। 25-50 मिनट का फोकस काम और 5-10 मिनट ब्रेक की पद्धति आज़माएँ। इससे आपका उत्पादन बढ़ेगा और थकान कम होगी।

दूसरी आदत: सीखना रोज़ का हिस्सा बनाइए। हर हफ्ते थोड़ा पढ़ें, कोर्स करें या किसी एक्सपर्ट से सलाह लें। नई जानकारी सीधे आपके काम को बेहतर बनाती है।

तीसरी आदत: नाप-जोख रखें। नोटबुक या ऐप में रोज़ की प्रगति लिखें। किस काम में समय ज्यादा लगा, क्या आगे सुधार हो सकता—ये सब लिखने से निर्णय आसान होते हैं।

गलतफहमियाँ और सच्चाई

कई लोग सोचते हैं कि सफलता केवल प्रतिभा या किस्मत से मिलती है। असलियत यह है कि लगातार प्रयास, सही दिशा और नियमित आदतें ज्यादा मायने रखती हैं। ‘‘ओवरनाइट सक्सेस’’ बहुत कम मामलों में होता है; ज्यादातर जीतें वर्षों के छोटे-छोटे कदमों का नतीजा होती हैं।

फिर एक मिथक यह भी है कि केवल बड़ी योजनाएँ ही असरदार होती हैं। नहीं—छोटे प्रयोग और फीडबैक लूप अक्सर जटिल योजनाओं से बेहतर नतीजा देते हैं।

अंत में, अपने आसपास सही लोगों को रखें। सलाह देने वाले, प्रेरित करने वाले और ईमानदारी से फीडबैक देने वाले लोग आपकी राह तेज कर देते हैं। नेटवर्किंग सिर्फ विज़िटिंग कार्ड देना नहीं—यह सही बातचीत और जुड़े रहने का काम है।

अगर आप शुरू कर रहे हैं, आज एक छोटा लक्ष्य तय करें और अगले 7 दिनों की योजना बनाएं। हर रविवार प्रगति चेक करें और जहाँ चाहिए सुधार कर लें। छोटे बदलाव लगातार करें—फर्क दिखेगा।

Priya Sahani 12 मई 2023

क्या अमिताभ बच्चन सिर्फ़ भाग्य के कारण इतने सफल हैं?

अमिताभ बच्चन की सफलता का कारण सिर्फ़ भाग्य होने की बात हम नहीं मानते। वे दशकों से बॉलीवुड के सबसे बड़े सुपरस्टार माने जा रहे हैं। अमिताभ जी की मेहनत, लगन, करिश्मा और सामर्थ्य ने उन्हें इस मुक़ाम तक पहुँचाया है। हम मानते हैं कि भाग्य भी एक अहम भूमिका निभा सकता है, लेकिन उनकी सफलता के पीछे उनके काम की गुणवत्ता और लगातार प्रयास का भी योगदान है। यहाँ तक कि उम्र के इस दौर में भी, वे अभिनय के क्षेत्र में अपने करियर को नई ऊँचाइयों तक ले जा रहे हैं।

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