डबल वर्ल्ड कप का मतलब और क्यों है खास

जब हम ‘डबल वर्ल्ड कप’ सुनते हैं, तो दिमाग में अक्सर दो बड़े अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट एक साथ जीतने की बात आती है। आमतौर पर इसका मतलब होता है कि कोई देश या टीम एक ही साल या कम समय में दोनों प्रमुख खेल – क्रिकेट और फुटबॉल – के विश्व कप जीत ले। ऐसे जुगाड़ को देखना बहुत ही रोमांचक लगता है, क्योंकि दोनों खेलों की तैयारी, रणनीति और खिलाड़ी प्रोफ़ाइल पूरी तरह अलग‑अलग होते हैं।

डबल वर्ल्ड कप का इतिहास

वास्तव में इतिहास में कोई ऐसा देश नहीं है जिसने एक साथ क्रिकेट और फुटबॉल दोनों के वर्ल्ड कप जीतें। लेकिन ‘डबल’ शब्द से कई अलग‑अलग चीज़ों को भी समझा जा सकता है।

उदाहरण के लिये, कुछ देशों ने लगातार दो विश्व कप (जैसे 2002‑2006 फुटबॉल) जीतकर ‘डबल ट्रॉफी’ हासिल की। इसी तरह, क्रिकेट में भारत ने 1983 और 1985 में दो टेट्रालॉजी में दो बार जीत हासिल की, जिसे अक्सर ‘डबल वर्ल्ड कप’ कहा जाता है। ऐसे रेकॉर्ड दर्शाते हैं कि निरंतरता और टीम वर्क से बड़ी उपलब्धियां मिलती हैं।

कौन से देश के पास डबल वर्ल्ड कप की संभावनाएँ हैं?

अगर हम भविष्य की बात करें, तो भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को इस बात पर भरोसा है। इन देशों की क्रिकेट टीमें पहले से ही दो विश्व कप जीत चुकी हैं, और फुटबॉल में भी उन्होंने विश्व स्तर पर काफी प्रगति की है।

भारत की बात करें तो, युवा खिलाड़ियों की संख्या बहुत जल्दी बढ़ रही है, और राष्ट्रीय लाएग (इंडियन सुपर लीग) ने फुटबॉल की लोकप्रियता को धूमधाम से बढ़ाया है। यदि यहाँ की फ़ुटबॉल फ़ेडरेशन सही निवेश करे, तो अगली दो-तीन साल में भारत दोहरा विश्व कप जीतने के करीब हो सकता है।

ऑस्ट्रेलिया की क्रिकेट टीम ने 1999 और 2003 में दो बार जीत हासिल की, और उनके फुटबॉल क्लबों ने एशिया‑पैसिफिक में मजबूत प्रदर्शन दिया है। यदि ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम एएफसी एशियन कप में सफलता पाती है, तो ‘डबल वर्ल्ड कप’ की संभावना बढ़ सकती है।

इंग्लैंड में क्रिकेट और फुटबॉल दोनों ही खेलों में सबसे बड़ी प्रशंसक आधार है। इंग्लैंड ने 1966 में फुटबॉल विश्व कप जीतने के बाद 2019 में क्रिकेट विश्व कप जीता। दोनों जीतों में 53 साल का अंतर है, लेकिन अगर अगले कुछ दशकों में दोनों खेलों में निरंतर सुधार जारी रहा, तो ‘डबल वर्ल्ड कप’ दोबारा संभव हो सकता है।

तो, डबल वर्ल्ड कप सिर्फ़ एक शब्द नहीं, बल्कि एक लक्ष्य है। इसका मतलब है दो बड़े मंचों पर एक साथ चमकना, खिलाड़ियों की बहु‑क्षेत्रीय तैयारी, कोचिंग स्टाफ की समझदारी और फैंस का अटूट समर्थन। अगर आप भी इस यात्रा में शामिल होना चाहते हैं, तो अपने पसंदीदा टीम की मैच देखिए, सामाजिक प्लेटफ़ॉर्म पर अपडेट फॉलो कीजिए, और खेल को समझने में समय लगाइए। यही छोटी‑छोटी कदम मिलकर बडे़ ‘डबल वर्ल्ड कप’ की कहानी लिखते हैं।

Priya Sahani 30 सितंबर 2025

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