BSE (Bombay Stock Exchange) – भारत का प्रमुख शेयर बाजार

जब आप BSE, Bombay Stock Exchange भारत की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी स्टॉक एक्सचेंज है, जहाँ लाखों शेयरों की खरीद‑बेची होती है. Also known as बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, it वित्तीय बाजार की धड़कन को नियंत्रित करता है और निवेशकों को पारदर्शी ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म देता है। इस वजह से BSE सिर्फ एक स्थल नहीं, बल्कि भारतीय इक्विटी बाजार का मूल आधार है।

पहली बार 1875 में स्थापित BSE ने भारत के शेयर बाजार को आधुनिक बनाया। शुरुआती दिन में केवल 100 से कम कंपनियों के शेयर लिस्टेड थे, लेकिन आज यह 5,000 से अधिक कंपनियों को कवर करता है। BSE का प्रमुख संकेतक Sensex, 30 शीर्ष कंपनियों का औसत मूल्य, जो बाजार का समग्र स्वास्थ्य दर्शाता है है। Sensex का हर बदलाव सीधे BSE के ट्रेडिंग वॉल्यूम पर असर डालता है, इसलिए निवेशक अक्सर इसे ‘बाजार का थर्मामीटर’ मानते हैं।

BSE, NSE और IPO – आपस में कैसे जुड़े?

जब आप स्टॉक मार्केट की बात करते हैं, तो NSE, National Stock Exchange, जो BSE के साथ समान कार्य करता है लेकिन पूरी तरह इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग मॉडल अपनाएगा को भी नहीं भूल सकते। NSE और BSE दोनों ही कंपनियों के शेयरों को सूचीबद्ध करते हैं, लेकिन उनकी ट्रेडिंग लाइफसाइकल, ब्रोकर फीस और इंडेक्स गणना में थोड़ा अंतर है। यह अंतर निवेशकों को विविध विकल्प देता है: कोई BSE में अधिक भरोसा करता है, तो कोई NSE में तरलता को प्राथमिकता देता है।

नई कंपनियों के लिए IPO, Initial Public Offering, अर्थात् पहली सार्वजनिक शेयर पेशकश, एक महत्वपूर्ण कदम है जो उन्हें BSE या NSE पर लिस्टेड बनाता है। IPO प्रक्रिया BSE को नई लिक्विडिटी लाती है और निवेशकों को शुरुआती मूल्य पर शेयर खरीदने का मौका देती है। इस प्रकार, BSE के विकास में IPO का योगदान अत्यधिक है, क्योंकि प्रत्येक IPO मार्केट कैपिटल को बढ़ाता है और Sensex में संभावित बदलाव लाता है।

BSE की सफलताएँ सिर्फ संकेतकों में नहीं, बल्कि दैनिक ट्रेडिंग इकोसिस्टम में भी झलकती हैं। एक ट्रेड को पूरा करने के लिए आपको ब्रोकर, डिमैट अकाउंट और रीयल‑टाइम डेटा की जरूरत होती है – ये सभी BSE के तकनीकी इन्फ्रास्ट्रक्चर पर निर्भर हैं। अर्थात्, BSE brokers को सेवा प्रदान करता है, investors को ट्रेडिंग अवसर, और companies को पूँजी जुटाने का मंच। इस जटिल प्रणाली में प्रत्येक तत्व दुनेर्यन (interacts) करता है, जिससे बाजार स्थिर और पारदर्शी रहता है।

अब आप जानते हैं कि BSE सिर्फ एक एक्सचेंज नहीं, बल्कि Sensex, NSE, IPO और ब्रोकर जैसे कई इकाइयों के बीच बंधन है। इस परिचय को पढ़ कर आप अगले सेक्शन में आने वाले लेखों को बेहतर समझ पाएंगे – चाहे वह शेयर एनालिसिस हो, नवीनतम IPO अपडेट हो, या BSE‑NSE की तुलना। नीचे आप विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा देखेंगे, जो आपके निवेश निर्णयों को सशक्त बनाते हैं।

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