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- अक्षय तृतीया 2021; साल के अंत तक सोने की कीमतें 55,000 तक जा सकती हैं
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नई दिल्ली8 मिनट पहले
- प्रतिरूप जोड़ना
इस साल 14 मई को अक्षय तृतीया मनाई जाएगी। हमारे देश में इस दिन सोना खरीदना शुभ माना जाता है। पिछले महीने यानी अप्रैल में सोने में बड़ी तेजी देखी गई है और विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में सोने में तेजी आएगी। अप्रैल में ही सोना 2,601 रुपये महंगा हो गया। ऐसे में इस अक्षय तृतीया सोने में निवेश करने से शानदार रिटर्न मिल सकता है।
इस साल बाद में सोना 55,000 तक बढ़ सकता है
केडिया कमोडिटी के निदेशक अजय केडिया का कहना है कि देश में ताज लगातार बढ़ रहा है। लोगों में डर का माहौल भी है। इसके अलावा देश में महंगाई भी बढ़ने लगी है। इससे आने वाले दिनों में सोने की कीमत बढ़ेगी। अगर इसी तरह का माहौल बना रहा तो इस साल के अंत तक सोना 55 लाख तक पहुंच सकता है। वहीं, अगर हम अगले साल की बात करें तो यह 2022 की अक्षय तृतीया के लिए 58 हजार से 60 हजार तक जा सकता है।
सोना आने वाले महीनों के लिए तेज रहेगा
पृथ्वी फिनमार्ट के निदेशक मनोज कुमार जैन का कहना है कि जब अर्थव्यवस्था में गिरावट आती है, तब भी सोना अधिक महंगा होने लगता है। वही माहौल कोरोना की बदौलत बना हुआ है। ऐसे में अगले 5-6 महीनों में सोना 55 हजार तक बढ़ सकता है।
अंतिम वर्ष में सोने की 5% उपज मिलती है
12 मई, 2020 को सोना 45,785 प्रति 10 ग्राम था, जो अब 47,807 रुपये हो गया है। कहने का तात्पर्य यह है कि बीते साल में सोने ने लगभग 5% का मुनाफा कमाया है। वहीं, पिछले 5 सालों में गोल्ड ने 60% रिटर्न दिया है।
12 मई 2016 को सोना 29,946 रुपये पर था।
पिछले साल सोना कोरोना की पहली लहर में 56 हजार तक पहुंच गया था
पिछले साल, जब क्राउन अपने चरम पर था, तब सोने की कीमत चरम पर थी। अगस्त 2020 में रिकॉर्ड स्तर 56,200 रुपये तक पहुंच गया था। उस समय कोरोना महामारी के कारण निवेशकों में भय का माहौल था। इस बिंदु पर, एक बार फिर, ऐसा वातावरण बनाया जाएगा।
सोने में दीर्घकालिक निवेश फायदेमंद है
अजय केडिया का कहना है कि सोने में दीर्घकालिक निवेश सही है, क्योंकि यह उतार-चढ़ाव को प्रभावित नहीं करेगा और आपको सही रिटर्न देगा। कम से कम 3 से 5 साल के लिए सोने में वापस जाना ठीक रहेगा।
सोना महंगा क्यों हो रहा है?
- कोरोना की वजह से दुनिया भर में अनिश्चितता का माहौल है। आपके शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव अधिक है। माना जाता है कि निवेशक इस दौरान शेयरों से पैसा निकालते हैं और सोने में निवेश करते हैं। सोने के दाम भी बढ़ने लगे हैं।
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर कमजोर हो रहा है। यही नहीं, डॉलर के मुकाबले रुपया भी कमजोर हुआ है। गोल्ड को भी इससे सपोर्ट मिल रहा है।
- चीन में सोने के आयात के लिए बैंकों की मंजूरी से आने वाले दिनों में सोने और चांदी में उछाल आ सकता है।
- साथ ही अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी सोने की कीमत तेजी से बढ़ने लगी है। सोने की कीमत 1,835 डॉलर प्रति औंस के पार चली गई है। 1 अप्रैल को सोना 1,730 डॉलर था।
- खुदरा और थोक मुद्रास्फीति के आंकड़े भी 8 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गए हैं। क्योंकि सोने और चांदी को समर्थन मिल रहा है।