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मध्य प्रदेश: रेमेडिसर इंजेक्शन की कालाबाजारी पर पुलिस की सख्ती, लेकिन 21 लोगों के खिलाफ रासुका


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल

द्वारा प्रकाशित: प्रशांत कुमार
अपडेटेड मैट, 12 मई, 2021 8:44 बजे IST

बायोडाटा

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश सहित देश के अन्य हिस्सों में कालाबाजारी और जीवनरक्षक दवा कोरोना रेमेडिविविर के नकली इंजेक्शन के कारण सैकड़ों लोगों की मौत हो गई है। मध्य प्रदेश में कई मरीजों की जान चली गई।

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भारत में क्राउन की बीमारी रोजाना हजारों लोगों को प्रभावित करती है। ड्रग्स की कमी, इंजेक्शन और उचित उपचार के लिए लोग मर रहे हैं, दूसरी ओर, इंजेक्शन का काला विपणन अपने चरम पर है। मध्य प्रदेश के कोरोना में इस्तेमाल होने वाली एक जीवनरक्षक दवा रेमेडिसिविर अंधाधुंध रूप से काले रंग में बेची जाती है और इसे शीशी में भी भर दिया जाता है। अब तक मध्य प्रदेश पुलिस रासुका के तहत 21 लोगों के खिलाफ आरोप लगा चुकी है। आरोप पर 11 मामले सामने आए हैं।

पुलिस नकली इंजेक्शन बेचने वाले मेडिकल स्टोरों पर कड़ी नजर रखती है
इंदौर आईजीपी हरिनारायणचारी मिश्रा ने एएनआई समाचार एजेंसी को बताया कि पुलिस उन लोगों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई कर रही है जो नकली रेमेडिसवीर और उनकी कालाबाजारी बेचते हैं, कई मामले दर्ज किए गए हैं। एसआईटी का भी गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि कुछ मेडिकल स्टोर भी फर्जी उपचार की आपूर्ति में शामिल हैं। पुलिस प्रशासन उनकी निगरानी भी कर रहा है, इन लोगों के खिलाफ जांच की जा रही है। वहीं, गुजरात से मध्य प्रदेश में 1,200 फर्जी रेमेडिसवीर इंजेक्शनों की आपूर्ति के आरोप में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन सात लोगों की तलाश की जा रही है।

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश सहित देश के अन्य हिस्सों में कालाबाजारी और जीवनरक्षक दवा कोरोना रेमेडिविविर के नकली इंजेक्शन के कारण सैकड़ों लोगों की मौत हो गई है। मध्य प्रदेश में कई मरीजों की जान चली गई। इसलिए, कुछ लोगों के खिलाफ मौत का मामला भी दर्ज किया गया है।

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भारत में प्रतिदिन हजारों लोगों पर क्राउन की बीमारी का असर हो रहा है। ड्रग्स की कमी, इंजेक्शन और उचित उपचार के लिए लोग मर रहे हैं, दूसरी ओर, इंजेक्शन का काला विपणन अपने चरम पर है। मध्यप्रदेश के कोरोना में इस्तेमाल होने वाली जीवन रक्षक दवा रेमेडिविविर को भी अंधाधुंध तरीके से ब्लैक में बेचकर शीशी को बेरहमी से भरकर बेरहमी से चार्ज किया जाता है। अब तक मध्य प्रदेश पुलिस रासुका के तहत 21 लोगों के खिलाफ आरोप लगा चुकी है। आरोप पर 11 मामले सामने आए हैं।

पुलिस नकली इंजेक्शन बेचने वाले मेडिकल स्टोरों पर कड़ी नजर रखती है

इंदौर आईजीपी हरिनारायणचारी मिश्रा ने एएनआई समाचार एजेंसी को बताया कि पुलिस उन लोगों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई कर रही है जो नकली रेमेडिसवीर और उनकी कालाबाजारी बेचते हैं, कई मामले दर्ज किए गए हैं। एसआईटी का भी गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि कुछ मेडिकल स्टोर भी फर्जी उपचार की आपूर्ति में शामिल हैं। पुलिस प्रशासन उनकी निगरानी भी कर रहा है, इन लोगों के खिलाफ जांच की जा रही है। वहीं, सात लोगों पर गुजरात से मध्य प्रदेश में 1,200 फर्जी रेमेडिसविर इंजेक्शन सप्लाई करने का आरोप है। इन सात लोगों की तलाश की जा रही है।

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश सहित देश के अन्य हिस्सों में कालाबाजारी और जीवनरक्षक दवा कोरोना रेमेडिविविर के नकली इंजेक्शन के कारण सैकड़ों लोगों की मौत हो गई है। मध्य प्रदेश में कई मरीजों की जान चली गई। इसलिए कुछ लोगों के खिलाफ मौत का मामला भी दर्ज किया गया है।





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