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2 मिनट पहले
- प्रतिरूप जोड़ना
पं। विजयशंकर मेहता
दुनिया के पहले माता-पिता को मनु-शतरूपा माना जाता था। शास्त्रों के अनुसार, जब उन्होंने ब्रह्मा से पहली बातचीत की, तो एक संदेश सामने आया। मनु-शतरूपा ने ब्रह्मा से सबसे पहले पूछा था कि हमें आपकी सेवा करनी चाहिए। तब ब्रह्माजी ने उन्हें पहला वरदान दिया: “तुम ठीक हो जाओ।” यह शब्द “सेवा” इस महामारी के वर्तमान युग में एक बड़ी उम्मीद है।
जो लोग अभी मानवता की सेवा कर रहे हैं, वे परमेश्वर के नियम के अनुसार बहुत अच्छा कर रहे हैं। इस दुनिया में इसका मूल्यांकन नहीं किया जा सकता है, क्योंकि यहां स्वार्थ, राजनीति, पाखंड, प्रदर्शन, इन सभी चीजों का पालन किया जाता है। लेकिन, ऊपर की दुनिया में आपके द्वारा प्रदान की गई सेवा एक समान स्तर पर रहेगी और एक दिन यह फल भी देगी।
भगवान कहते हैं, जो कोई भी मेरी सेवा करता है, मैं निश्चित रूप से उसके लिए अच्छा करूंगा। अभी, दूसरों की सेवा करने का एक अच्छा तरीका खुद की रक्षा करना है। एक कार बुलेटप्रूफ हो सकती है, इसमें बैठा व्यक्ति बुलेटप्रूफ नहीं है। बाहर से किया गया कोई भी हमला अंदर बैठे किसी व्यक्ति को मार सकता है। यह वैक्सीन और हमारे शरीर के साथ मामला है। टीकाकरण करवाना हमारी जिम्मेदारी है, लेकिन इसके बाद सावधान रहना उचित है।