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खुलासा: अस्पताल में नमक और ग्लूकोज के तैयार इंजेक्शन पहुंचे, डॉक्टरों ने बिना जांच के मरीजों को लगाया


न्यूज़ डेस्क, अमर उजाला, इंदौर

द्वारा प्रकाशित: दीप्ति मिश्रा
Updated Mon, 10 मई, 2021 03:38 PM IST

बायोडाटा

हैरानी की बात यह है कि कई अस्पतालों में डॉक्टरों द्वारा बिना जांच किए ही मरीजों को नकली इंजेक्शन लगाए गए। पुलिस जांच में यह बात सामने आई। बचाव पक्ष पर रासुका के तहत मुकदमा चलाया जाएगा।

प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो: अमर उजाला

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कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर जारी है। हर दिन लाखों लोग कोरोना वायरस की चपेट में आते हैं। कोरोना अवधि में रेमेडिसिविर के इंजेक्शन की मांग अधिक है। देश भर में रेमाडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी की खबरें हैं। मध्य प्रदेश में ग्लूकोज और नमक से बना नकली रेमेडिसविर इंजेक्शन बेचने के आरोप में पुलिस ने इंदौर में 11 लोगों को गिरफ्तार किया। हैरानी की बात यह है कि कई अस्पतालों में डॉक्टरों द्वारा बिना जांच किए ही मरीजों को नकली इंजेक्शन लगाए गए। पुलिस जांच में यह बात सामने आई। बचाव पक्ष पर रासुका के तहत मुकदमा चलाया जाएगा।

इंदौर पुलिस फर्जी इंजेक्शन मामले की जांच कर रही है। जांच के दौरान, यह पाया गया कि आरोपी रेमेडिसविर का इंजेक्शन ग्लूकोज और नमक के साथ तैयार करता था। इंदौर में, नकली इंजेक्शन की एक हजार शीशियां बेची गई हैं, कई अस्पतालों में डॉक्टर भी बिना जांच के मरीजों को देते हैं।

केवल तीन इंजेक्शन बरामद हुए
पुलिस यह पता लगा रही है कि प्रतिवादियों ने ये संगीन इंजेक्शन किसको बेचे हैं। पुलिस ने अब हिरासत में 11 प्रतिवादियों के खिलाफ गलत तरीके से मौत की धारा का विस्तार किया है, जिसमें सुनील मिश्रा, पुनीत शाह और कौशल वोरा शामिल हैं, जो मामले में मुख्य प्रतिवादी हैं। अब तक, पुलिस ने हर 1,000 में से केवल तीन इंजेक्शन ही बरामद किए हैं।

रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी
आईजी हरिनारायणचारी मिश्रा ने कहा कि नकली इंजेक्शन मामले में शामिल प्रतिवादियों पर रासुका की कोशिश की जाएगी। आरोपियों के मकान ध्वस्त किए जाएंगे। संपत्ति जब्त की जाएगी। एसपी आशुतोष बागरी ने कहा कि हमारी टीम प्रोडक्शन ऑर्डर से प्रतिवादी कौशल वोरा, पुनीत शाह और सुनील मिश्रा को गुजरात से लाएगी। हम आरोपियों से भी पूछताछ करेंगे।

आपको बता दें कि नकली इंजेक्शन सूरत के खेत में तैयार किए जाते थे और देश भर में ऊंचे दामों पर बेचे जाते थे। पुलिस ने कहा कि प्रतिवादी ने ग्लूकोज और नमक के साथ रेमादेसिविर इंजेक्शन तैयार किया। इनकी कीमत 80 रुपये के बराबर हुआ करती थी और ये लोग काले रंग में नकली इंजेक्शन 35 हजार से एक लाख रुपये में बेचते थे। प्रतिवादियों ने इंदौर में 1,000 इंजेक्शन और जबलपुर सिटी अस्पताल में 200 शम इंजेक्शन देने की बात कबूल की है। साथ ही जबलपुर में पुलिस ने सिटी हॉस्पिटल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा और ड्रग सप्लायर सपन जैन और अन्य के खिलाफ नकली दवा बेचने और गलत तरीके से मौत का मुकदमा दर्ज किया है।

करीना जिले के राजगढ़ गांव में राकने के लिए गांव की टोली प्रदर्शन कर रही थीं। इसके लिए माता मंदिर में रविवार भंडारा आयोजित किया गया। करीब 500 लोगों के जुटने की सूचना मिलने के बाद अमोला थाने की पुलिस पहुंची। पुलिस हमें समझा रही थी कि मंदिर के पीछे छिपे लोगों ने ही पत्थर फेंके। पथराव से थानाध्यक्ष राघवेंद्र सिंह यादव सहित सात पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने करीब 80 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

विस्तृत

कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर जारी है। हर दिन लाखों लोग कोरोना वायरस की चपेट में आते हैं। कोरोना अवधि में रेमेडिसिविर के इंजेक्शन की मांग अधिक है। देश भर में रेमाडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी की खबरें हैं। मध्य प्रदेश में ग्लूकोज और नमक से बने नकली रेमेडिसविर इंजेक्शन बेचने के आरोप में पुलिस ने इंदौर में 11 लोगों को गिरफ्तार किया। हैरानी की बात यह है कि कई अस्पतालों में डॉक्टरों द्वारा बिना जांच किए ही मरीजों को नकली इंजेक्शन लगाए गए। पुलिस जांच में यह बात सामने आई। बचाव पक्ष पर रासुका के तहत मुकदमा चलाया जाएगा।

इंदौर पुलिस फर्जी इंजेक्शन मामले की जांच कर रही है। जांच के दौरान, यह पाया गया कि प्रतिवादी ग्लूकोज और नमक के साथ रेमादेसिविर का इंजेक्शन तैयार करता था। इंदौर में, नकली इंजेक्शन की एक हजार शीशियां बेची गई हैं, कई अस्पतालों में डॉक्टर भी बिना जांच के मरीजों को देते हैं।

केवल तीन इंजेक्शन बरामद हुए

पुलिस यह पता लगा रही है कि प्रतिवादियों ने ये संगीन इंजेक्शन किसको बेचे हैं। पुलिस ने अब हिरासत में 11 प्रतिवादियों के खिलाफ गलत तरीके से मौत की धारा का विस्तार किया है, जिसमें सुनील मिश्रा, पुनीत शाह और कौशल वोरा शामिल हैं, जो मामले में मुख्य प्रतिवादी हैं। अब तक, पुलिस ने हर 1,000 में से केवल तीन इंजेक्शन ही बरामद किए हैं।

रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी

आईजी हरिनारायणचारी मिश्रा ने कहा कि झूठे इंजेक्शन मामले में शामिल प्रतिवादियों पर रासुका की कोशिश की जाएगी। आरोपियों के मकान ध्वस्त किए जाएंगे। संपत्ति जब्त की जाएगी। एसपी आशुतोष बागरी ने कहा कि हमारी टीम प्रोडक्शन ऑर्डर से प्रतिवादी कौशल वोरा, पुनीत शाह और सुनील मिश्रा को गुजरात से लाएगी। हम आरोपियों से भी पूछताछ करेंगे।

आपको बता दें कि नकली इंजेक्शन सूरत के खेत में तैयार किए जाते थे और देश भर में ऊंचे दामों पर बेचे जाते थे। पुलिस ने कहा कि प्रतिवादी ने ग्लूकोज और नमक के साथ रेमादेसिविर इंजेक्शन तैयार किया। इनकी कीमत 80 रुपये के बराबर हुआ करती थी और ये लोग काले रंग में नकली इंजेक्शन 35 हजार से एक लाख रुपये में बेचते थे। प्रतिवादियों ने इंदौर में 1,000 इंजेक्शन और जबलपुर सिटी अस्पताल में 200 शम इंजेक्शन देने की बात कबूल की है। साथ ही जबलपुर में पुलिस ने सिटी हॉस्पिटल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा और ड्रग सप्लायर सपन जैन और अन्य के खिलाफ नकली दवा बेचने और गलत तरीके से मौत का मुकदमा दर्ज किया है।


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