न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
द्वारा प्रकाशित: तनुजा यादव
Updated Mon, 3 मई, 2021 8:23 am IST
बायोडाटा
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। भोपाल में अप्रैल में आधिकारिक कोविद -19 की मौत के आंकड़े और एक ही अवधि में श्मशान और कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार के बीच एक विपरीत स्थिति है।
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कोविद -19 रोगियों के लिए जिले में तीन श्मशान घाट और एक कब्रिस्तान हैं और यहां एकत्र आंकड़ों में कहा गया है कि 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक कोविद प्रोटोकॉल के तहत 2,567 शवों का अंतिम संस्कार किया गया है, जिले में 109 कोविद मारे गए हैं। वहीं, इन चार स्थानों पर कर्मचारियों का कहना है कि इस दौरान 1,273 गैर-कोविद रोगियों का भी अंतिम संस्कार किया गया है।
भोपाल में छह श्मशान घाट और चार कब्रिस्तान हैं। जिसमें कोविद के मरीजों के लिए चार श्मशान घाट और एक कब्रिस्तान आरक्षित किया गया है। कब्रिस्तान और श्मशान अधिकारियों और कर्मचारियों का कहना है कि शोहदों की भीड़ से निपटने के लिए उन्हें बहुत संघर्ष करना पड़ता है।
वहां काम करने वाले कर्मचारियों का कहना है कि हमारे श्मशान की स्थिति खराब हो गई है। पीपीई दस्ताने और उपकरण यहां देखे जा सकते हैं। वे मांग करते हैं कि नगर निगम कम से कम इन जगहों को साफ और साफ करे, ताकि अन्य लाशों को जलाना आसान हो।
इसके अलावा, वह शिकायत करता है कि घाटों और श्मशान घाटों में जगह कम हो गई है और काम करने वाले लोग भी कम हैं। लाशों के लिए जमीन खोदने वाले लड़के अब थक चुके हैं। लाशों की संख्या बहुत अधिक है। वहीं, राज्य के लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ। प्रभुराम चौधरी का कहना है कि मृतकों के आंकड़े राज्य से छिपे नहीं हैं।
उन्होंने आगे कहा कि कुछ मामले ऐसे हैं, जिनकी पुष्टि कोविद मरीजों से नहीं हुई है, वे संदिग्ध हैं लेकिन कोविद प्रोटोकॉल के तहत उनका अंतिम संस्कार किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि उनमें से कई मामले पहले भी दर्ज किए गए थे।
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