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- वर्तमान युग में, सुख कपूर की तरह उड़ान; नवरात्रि के नौ दिन, ऊर्जा का त्योहार, इसमें योगी बनने की तैयारी करें
4 घंटे पहले
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पं। विजयशंकर मेहता
नवरात्रि के ये नौ दिन ऊर्जा के त्योहार हैं। जब ऊर्जा प्रवाहित होगी, तो सांसारिक संकल्प पूरे होंगे और यदि उसकी दिशा भीतर की ओर हो तो शांति प्राप्त होगी। योग ऊर्जा को भीतर परिवर्तित करने का कार्य है। तो इस ऊर्जा उत्सव में योगी बनने के लिए तैयार हो जाइए। गीता में कहा गया है कि जो अपने काम-क्रोध के आवेग को नियंत्रित करेगा, वह योगी होगा और शांत और प्रसन्न रहेगा। खासकर इस युग में, खुशी कपूर की तरह उड़ती है।
हां, शांति जरूर बचाई जा सकती है। आने वाले समय में जिन चीजों की जरूरत होगी, उनमें से एक शांति है। हमारा आठवां-नौवाँ द्वार मलत्याग का मूत्र उत्सर्जन केंद्र है। इन्हें कार्य केंद्र भी कहा जाता है। शरीर से ऊर्जा प्रवाहित होते ही वासना जाग उठेगी। इस ऊर्जा को जितना ऊपर ले जाओगे, उतनी ही शांति मिलेगी। आनंद काम की ऊर्जा के अच्छे उपयोग का नाम है।
वैसे, इस नए त्योहार का नाम भी आनंद है। इसलिए खुशी के मौके को अच्छी तरह से जब्त करने के लिए इन दो दरवाजों पर गंभीरता से काम करें। जो लोग उन पर काम करते हैं, उनकी ऊर्जा बढ़ेगी और उन्हें शांति मिलेगी। अशांति का तूफान हमारे चारों ओर बह गया है। ये नौ पलायन मार्ग अभी भी हमारे साथ हैं। इन पर काम करते रहें, आपके जीवन का आनंद बढ़ जाएगा।