नई दिल्लीः दुनियाभर में कोरोना वायरस का संक्रमण 13 करोड़ के आंकड़े के पास पहुंच गया है. वहीं चीन से पूरी दुनिया में फैले इस वायरस के सफल इलाज के लिए दो चीनी कोरोना वैक्सीन का भी निर्माण किया जा चुका है.
WHO ने कहा चीन की कोरोना वैक्सीन सुरक्षित पर डेटा की कमी
फिलहाल विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के विशेषज्ञों ने साफ किया है कि दोनों चीनी कोरोना वैक्सीन के क्लिनिकल परीक्षण डेटा के विश्लेषण से पता चला है कि इनका इस्तेमाल भले ही सुरक्षित है लेकिन इसके लिए और अधिक डेटा की जरूरत थी.
चीनी फर्म सिनोवैक और सिनोपार्म की कोरोना वैक्सीन पहले से ही कई देशों में उपयोग की जा रही हैं. वहीं इन फर्म ने डब्ल्यूएचओ की आपातकालीन उपयोग सूची (EUL) से अनुमति पाने के लिए आवेदन किया गया था.
वृद्ध लोगों पर असर के डेटा में कमी
वहीं संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी के टीकाकरण पर विशेषज्ञों के रणनीतिक सलाहकार समूह (SAGE) ने कहा कि उसने अब तक उपलब्ध कराए गए आंकड़ों की समीक्षा की है, और दोनों टीकों ने “रोगसूचक कोरोना वायरस रोग के खिलाफ सुरक्षा और अच्छी प्रभावकारिता का प्रदर्शन किया है.” हालांकि उन्होंने यह चेतावनी भी दी है कि दोनों टीकों में वृद्धावस्था वाले व्यक्तियों और सह-रुग्णता वाले व्यक्तियों में डेटा की कमी है.
फिलहाल बता दें कि दुनियाभर में कोरोना वायरस से संक्रमित होने वालों का आंकड़ा 12 करोड़ 98 लाख 92 हजार के पार पहुंच गया है. अभी तक 28 लाख 33 हजार 428 लोगों की मौत कोरोना वायरस के कारण हुई है. वहीं 10 करोड़ 46 लाख 90 हजार से ज्यादा लोग इलाज के बाद ठीक भी हुए हैं. फिलहाल वर्तमान में दुनियाभर में 2 करोड़ 23 लाख 68 हजार 130 कोरोना एक्टिव मरीजों का इलाज किया जा रहा है.
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