Audi ने A8L और RS5 Sportback को भारत में बंद किया: क्या बदला, क्यों बदला
जर्मन लग्ज़री ब्रांड Audi ने भारत में अपने दो हाई-प्रोफाइल मॉडल—Audi A8L और RS5 Sportback—को चुपचाप लाइन-अप से हटा दिया है। वेबसाइट से नाम हटना साफ इशारा है कि नए ऑर्डर अब नहीं लिए जा रहे और दोनों कारें अपने ग्लोबल लाइफसाइकल के अंत तक पहुंच चुकी हैं। यह कदम ऐसे समय आया है जब प्रीमियम ब्रांड्स इलेक्ट्रिक पोर्टफोलियो पर फोकस बढ़ा रहे हैं।
A8L चौथी पीढ़ी की फ्लैगशिप सेडान थी, जिसे भारत में 2020 में लॉन्च किया गया और 2022 में बड़ा फेसलिफ्ट मिला। भारत में यह लंबा व्हीलबेस वर्ज़न चार और पांच-सीटर, दोनों लेआउट में आता था। 3.0-लीटर टर्बो V6 पेट्रोल के साथ 48V माइल्ड-हाइब्रिड सिस्टम, लगभग 335–340 hp और 500 Nm का टॉर्क देता था। क्वात्रो ऑल-व्हील ड्राइव और एडैप्टिव एयर सस्पेंशन स्टैंडर्ड थे, जो दिल्ली की खराब सड़कों से लेकर हाईवे क्रूज़ तक, राइड को आरामदेह और स्थिर रखते थे।
A8L की सीधी टक्कर भारत में Mercedes-Benz S-Class और BMW 7 Series/i7 से रही। फीचर्स के मोर्चे पर इसमें चार-ज़ोन क्लाइमेट कंट्रोल, मल्टी ड्राइव मोड्स, वायरलेस चार्जिंग, एम्बियंट लाइटिंग, मैट्रिक्स LED हेडलैंप और रियर मसाज सीट्स जैसी सुविधाएं थीं। कीमत 1.63 करोड़ रुपये (एक्स-शोरूम) तक जाती थी, जो CBU इम्पोर्ट पर लगने वाले भारी टैक्स का भी नतीजा है। भारत में पूरी तरह से बनी कारों पर आम तौर पर 60–100% तक कस्टम ड्यूटी लगती है, जिसके कारण ऐसे फ्लैगशिप मॉडल मास मार्केट में सीमित रहते हैं।
दूसरी ओर RS5 Sportback ने 2021 में भारत में एंट्री ली और इसे “डेली-यूजेबल परफॉर्मेंस” का चेहरा माना गया। 2.9-लीटर ट्विन-टर्बो V6 से 444 hp और 600 Nm मिलता था, 8-स्पीड ऑटोमैटिक और क्वात्रो के साथ। सेडान जैसी प्रैक्टिकलिटी—विस्तृत सेकंड-रो और बड़े बूट स्पेस—के साथ RS-बैज की तेज-तर्रार ड्राइविंग। इसकी एक्स-शोरूम कीमत लगभग 1.13 करोड़ रुपये रही।
दोनों मॉडल CBU के रूप में आते थे, इसलिए कीमत स्वाभाविक तौर पर ऊंची थी। यही वजह है कि वॉल्यूम सीमित रहे और सेगमेंट में S-Class और 7 Series जैसी लोकल-फ्रेंडली स्ट्रेटेजी या मजबूत ब्रांड पुल वाली कारें ज़्यादा बिकती रहीं। A8L की तुलना में S-Class और नई-पीढ़ी की 7 Series/i7 ने लगातार ज्यादा मांग देखी, जिससे फ्लैगशिप सेडान स्पेस और केंद्रित होता गया।
बाजार में यह भी माना जाता है कि वेबसाइट से हटना लाइफसाइकल क्लोजर का संकेत है—यानि प्रोडक्शन और एलोकेशन ग्लोबली रैंप-डाउन हो रहा है। डीलर स्तर पर कुछ बची-खुची यूनिट्स अस्थायी रूप से मिल सकती हैं, लेकिन नए बुकिंग रूटीन में वापस शामिल होना संभव नहीं दिखता। मौजूदा ग्राहकों के लिए सर्विस और स्पेयर सपोर्ट ब्रांड के आफ्टर-सेल्स नेटवर्क के जरिए जारी रहने की उम्मीद रहती है, क्योंकि यह इंडस्ट्री का मानक प्रैक्टिस है।
तकनीकी फ्रंट पर A8L की सेटिंग काफी बैलेंस्ड थी—एयर सस्पेंशन से राइड क्वालिटी, क्वात्रो से ट्रैक्शन और V6+माइल्ड हाइब्रिड से रिफाइनमेंट। पीछे बैठने वालों के लिए रियर-सीट पैकेज, एग्जीक्यूटिव-स्टाइल कंफर्ट और हाई-टेक केबिन इस सेगमेंट की अपेक्षाओं पर खरे उतरते थे। RS5 Sportback, इसके उलट, ड्राइवर-फोकस्ड रहा—टॉर्क-रिच V6, डायरेक्ट स्टीयरिंग और लो-स्लंग स्टांस के साथ—लेकिन दूसरी पंक्ति और बूट का व्यावहारिक इस्तेमाल इसे “वीकडे-टू-वीकेंड” कार भी बनाता था।
ब्रांड के मौजूदा परफॉर्मेंस पोर्टफोलियो में RS Q8 का ताज़ा फेसलिफ्ट मौजूद है और S5 Sportback भी अल्टरनेटिव के तौर पर बना हुआ है। ग्लोबल रिपोर्ट्स बताती हैं कि S5 का अगला जनरेशन B10 आर्किटेक्चर पर शिफ्ट होगा, इसलिए भारत में भी मिड-टर्म में बदलाव देखने को मिल सकते हैं। इस बीच, A6, Q3, Q5, Q7 जैसे मॉडल Audi की मुख्यधारा बिक्री को संभाल रहे हैं।

इलेक्ट्रिक फोकस, बदलता सेगमेंट और ग्राहक के लिए मायने
यह डिसकंटीन्यूएशन सिर्फ दो मॉडल हटाने भर की कहानी नहीं है; यह ऑटो इंडस्ट्री के बड़े टर्निंग पॉइंट का हिस्सा है। A8 की मौजूदा पीढ़ी 2017 से वैश्विक बाजार में है और अब इसका साइकल खत्म हो रहा है। इंडस्ट्री कवरेज संकेत देता है कि अगली A8 पूरी तरह इलेक्ट्रिक हो सकती है—Audi के उस रोडमैप के अनुसार जिसमें 2026 के बाद नए कंबशन मॉडल लॉन्च न करने और 2030 के शुरुआती दशक में ICE लाइन-अप को चरणबद्ध तरीके से घटाने की बात कही गई थी। ग्रैंडस्फियर जैसे कॉन्सेप्ट एक इलेक्ट्रिक फ्लैगशिप की दिशा का पूर्वावलोकन दे चुके हैं।
भारत में Audi का EV पोर्टफोलियो पहले से मौजूद है—जैसे Q8 e-tron और e-tron GT—जो प्रीमियम EV खरीदारों को टारगेट करते हैं। लग्ज़री EV सेगमेंट में BMW i7 और Mercedes EQS जैसे मॉडल पहले से एक्टिव हैं। GST संरचना EVs के लिए 5% तक और कई राज्यों में रजिस्ट्रेशन फीस में राहत जैसे कदम प्राइस-सेंसिटिविटी को कुछ हद तक संतुलित करते हैं, जबकि ICE लग्ज़री कारों पर GST और सेस मिलाकर टैक्स बोझ काफी ज्यादा रहता है।
चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर अभी निर्माण की अवस्था में है, लेकिन हाई-नेटवर्थ खरीदारों का उपयोग पैटर्न—घर/ऑफिस में निजी चार्जिंग—EV स्वामित्व के शुरुआती अनुभव को आसान बनाता है। फ्लीट-लेवल पर कॉर्पोरेट्स भी ESG लक्ष्यों के चलते इलेक्ट्रिक ट्रांजिशन पर खर्च बढ़ा रहे हैं, जिससे प्रीमियम EVs की स्वीकार्यता धीरे-धीरे बढ़ती दिख रही है।
फ्लैगशिप सेडान स्पेस में Audi के हटने के बाद अब मुकाबला मुख्य रूप से Mercedes-Benz S-Class और BMW 7 Series/i7 के बीच सिमटता है। यह वही सेगमेंट है जहाँ रियर-सीट कंफर्ट, क्वाइट केबिन, ड्राइवर-असिस्ट और शोफ़र-फ्रेंडली फीचर्स निर्णायक होते हैं। Lexus LS जैसी कार भी लिस्ट में है, लेकिन वॉल्यूम और विड्थ के लिहाज से S-Class और 7 Series का पकड़ ज्यादा मजबूत है।
ग्राहकों के नज़रिये से अब विकल्प कैसे बदलते हैं? अगर आपको टॉप-टियर लग्ज़री सेडान अभी चाहिए, तो S-Class और 7 Series/i7 नाम प्राकृतिक रूप से सामने आते हैं। Audi इकोसिस्टम में रहकर परफॉर्मेंस चाहिए तो S5 Sportback और RS Q8 जैसे विकल्प फिलहाल मौजूद हैं। अगर आपका फोकस इलेक्ट्रिक फ्लैगशिप तक इंतजार करने पर है, तो अगले 12–24 महीनों में ग्लोबल घोषणाओं पर नज़र रखना समझदारी होगी—क्योंकि नई पीढ़ी की इलेक्ट्रिक A8 की चर्चा लगातार तेज हो रही है।
इंडस्ट्री-साइड पर रेगुलेटरी दबाव भी कंपनियों की प्रोडक्ट स्ट्रेटेजी बदल रहा है। भारत में BS6 चरण-2 (RDE) जैसे उत्सर्जन मानक, कॉर्पोरेट एवरेज फ्यूल एफिशिएंसी (CAFE) लक्ष्य और ग्रीन पुश—ये सभी ICE पोर्टफोलियो को महंगा और जटिल बनाते हैं। ऐसे में ब्रांड्स या तो लोकल असेंबली (CKD) पर शिफ्ट कर कीमतें संतुलित करने की कोशिश करते हैं, या फिर हाई-मार्जिन/हाई-डिमांड मॉडल्स पर ध्यान रखते हैं। CBU फ्लैगशिप्स अपने आप कम होते जाते हैं, जब तक कि वे ब्रांड बिल्डिंग के लिए अनिवार्य न हों।
Audi के लिए संदेश साफ है—भारतीय बाजार में ब्रांड की परफॉर्मेंस और लग्ज़री पहचान बनी रहेगी, लेकिन निवेश अब उस दिशा में बढ़ेगा जहाँ भविष्य की मांग बन रही है। EVs पर यह धुरी सिर्फ यूरोप या चीन के लिए नहीं, भारत जैसे बाजारों में भी स्ट्रेटेजिक है। प्राइसिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर और नीतियों के साथ-साथ, कन्ज़्यूमर प्रेफरेंसेज भी धीरे-धीरे इलेक्ट्रिक ओर झुक रही हैं—खासकर टॉप-एंड सेगमेंट में, जहाँ सुविधा और टेक-एज सबसे बड़ा डिफरेंशिएटर बनता है।
जहाँ तक मौजूदा Audi लाइन-अप का सवाल है, ब्रांड ने हाल में RS Q8 का अपडेट लाया है और परफॉर्मेंस सेडान स्पेस में S5 Sportback जारी है। मिड-टर्म में A6 और SUVs (Q3, Q5, Q7, Q8) पर जोर बना रहेगा, जबकि EV फ्रंट पर Q8 e-tron और e-tron GT जैसे मॉडल ब्रिज रोल निभाएंगे। A8L/RS5 की विदाई इस बड़े प्लान का हिस्सा है—कम लेकिन फोकस्ड ICE लाइन-अप, और अगली छलांग इलेक्ट्रिक फ्लैगशिप्स के साथ।